Yeshu Tere Kareeb Aane Se Song Lyrics - Mark Tribhuvan Song

जय जयकार -8
जय जयकार - जय जयकार
जय जयकार यीशु तेरी जय जयकार -2
यीशु तेरी जय जय-2
यीशु तेरी जय जयकार
1. अनुग्रहकारी विधाता है
भला वो सबका चाहता है -((4
वही करता है उद्धार -2
जय जयकार - जय जयकार
जय जयकार यीशु तेरी जय जयकार -2
2. अती करुणामय दयालु है
क्रोध विलम्ब से करता है-((4
सबसे वो करता है प्यार-2
जय जयकार - जय जयकार
जय जयकार यीशु तेरी जय जयकार -2
3. गीरते हुओ को उठाता है
बोझ वो सबका उठाता है -((4
महिमा अपरमपार-2
जय जयकार - जय जयकार
जय जयकार यीशु तेरी जय जयकार -2
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Jai Jaikar -8
Chorus:-
Jai Jaikar, Jai Jaikar, Jai Jaikar
Yeshu Teri Jai Jaikar -2
Pre.Chrous :-
Yeshu Teri Jai Jai -2
Yeshu Teri Jai Jaikar
Verse. 1
Anugrahakari Vidhata Hai
Bhala Wo Sabka Chahata Hai -4
Wahi Karta Hai Uddhar -2
Jai Jaikar, Jai Jaikar, Jai Jaikar
Yeshu Teri Jai Jaikar -2
Verse. 2
Ati Karunamay Dayalu Hai
Krodh Vilamb Se Karta Hai -4
Sabse Wo Karta Hai Pyar -2
Jai Jaikar, Jai Jaikar, Jai Jaikar
Yeshu Teri Jai Jaikar -2
Verse. 3
Girate Huo Ko Uthata Hai
Bojh Wo Sabka Uthata Hai -4
Mahima Aprampar -2
Jai Jaikar, Jai Jaikar, Jai Jaikar
Yeshu Teri Jai Jaikar -2
Song Releted Bible Verse
भजन संहिता 66:1-15
[1] हे सारी पृथ्वी के लोगो, परमेश्वर के लिये जयजयकार करो;
[2] उसके नाम की महिमा का भजन गाओ; उसकी स्तुति करते हुए, उसकी महिमा करो।
[3] परमेश्वर से कहो, “तेरे काम क्या ही भयानक हैं! तेरी महासामर्थ्य के कारण तेरे शत्रु तेरी चापलूसी करेंगे।
[4] सारी पृथ्वी के लोग तुझे दण्डवत् करेंगे, और तेरा भजन गाएँगे; वे तेरे नाम का भजन गाएँगे।” (सेला)
[5] आओ परमेश्वर के कामों को देखो; वह अपने कार्यों के कारण मनुष्यों को भययोग्य देख पड़ता है।
[6] उसने समुद्र को सूखी भूमि कर डाला; वे महानद में से पाँव पाँव पार उतरे। वहाँ हम उसके कारण आनन्दित हुए,
[7] जो अपने पराक्रम से सर्वदा प्रभुता करता है, और अपनी आँखों से जाति जाति को ताकता है। हठीले अपने सिर न उठाएँ। (सेला)
[8] हे देश देश के लोगो, हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ,
[9] जो हम को जीवित रखता है; और हमारे पाँव को टलने नहीं देता।
[10] क्योंकि हे परमेश्वर, तू ने हम को जाँचा; तू ने हमें चाँदी के समान ताया था।
[11] तू ने हम को जाल में फँसाया; और हमारी कटि पर भारी बोझ बाँधा था;
12] तू ने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया, हम आग और जल से होकर गए; परन्तु तू ने हम को उबार के सुख से भर दिया है।
[13] मैं होमबलि लेकर तेरे भवन में आऊँगा; मैं उन मन्नतों को तेरे लिये पूरी करूँगा,
[14] जो मैं ने मुँह खोलकर मानीं, और संकट के समय कही थीं।
[15] मैं तुझे मोटे पशुओं की होमबलि, मेंढ़ों की चर्बी की धूप समेत चढ़ाऊँगा; मैं बकरों समेत बैल चढ़ाऊँगा। (सेला)
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Thank You For Beautiful Comment
God Bless You